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जय जगजननी माँ, भवानी मैय्या शारदा हो माँ - भजन (Jai Jag Janani Maa Bhawani Maiya Sharda Ho Maa)

जय जगजननी माँ,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

अंबे जगदंबे जगदंबिके,

जग की पालनहार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


नवदुर्गा माँ मंगलकारी,

सिंहसवारी सब पे भारी,

शक्तिशाली अपार,

भवानी मैय्या,

ऊंची पहाडी पे द्वार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


नवदुर्गे माँ नौरूप तेरे,

नौरंगी माँ नौरंग तेरे,

लिला अपरंपार,

ओ मैय्या तेरी,

महिमा अपरंपार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


अश्विन चैत्र महिना आवे,

नौरात्री के नौ दिन आवे,

मेला लगे तेरे द्वार,

भवानी मैय्या,

भगत करे जयकार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


भगतो की माँ सुनलो अरजीया,

दौडे दौडे आये मैय्या तेरी मढीयाँ,

धन के भरो भंडार,

भवानी मैय्या,

हरलो क्लेश विकार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


जय जगजननी माँ,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

अंबे जगदंबे जगदंबिके,

जग की पालनहार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥

आखिर यमुना में ही क्यों छुपा था कालिया नाग

भक्त वत्सल की जन्माष्टमी स्पेशल सीरीज के एक लेख में हमने आपको बताया था कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना में कूदकर कालिया नाग से युद्ध किया था। क्योंकि उसके विष से यमुना जहरीली हो रही थी।

चैत्र पूर्णिमा व्रत कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा एक अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा एवं श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा ।