नवीनतम लेख

जय हों तेरी गणराज गजानन (Jai Ho Teri Ganraj Gajanan)

जय हो तेरी गणराज गजानन ॥


दोहा – प्रथमें गौरा जी को वंदना,

द्वितीये आदि गणेश,

तृतीये सिमरा माँ शारदा,

मेरे काटो सकल कलेश ॥


जय हो तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज,

प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,

देवो के महाराज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


सारी दुनिया में तुमसा,

ना दूजा कोई,

जो भी आशा करे,

पूरी तुमसे हुई,

मंगलकर्ता विघ्नहरैया,

पूरण करते काज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


मांगे दर से तुम्हारे,

तो सब कुछ मिले,

सबका आँगन,

खुशी से है फुले फले,

तीनो लोक के स्वामी हो तुम,

देवो के सरताज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज,

प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,

देवो के महाराज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥

भाव सुमन लेकर मैं बैठा, गौरी सुत स्वीकार करो (Bhav Suman Lekar Main Baitha Gaurisut Swikar Karo)

भाव सुमन लेकर मैं बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो,

उत्पन्ना एकादशी का चालीसा

उत्पन्ना एकादशी सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। वैसे तो हर माह में दो एकादशी आती है, लेकिन उत्पन्ना एकादशी का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन मां एकादशी का जन्म हुआ था।

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले, ऐसी चिलम पिला देना (Bholenath Mere Marne Se Pahle Aisi Chilam Pila Dena)

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,
ऐसी चिलम पिला देना,

रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे
होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

यह भी जाने