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जय भोले शंकर जय गंगाधारी (Jai Bhole Shankar Jai Gangadhari)

जय भोले शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

भोले भंडारी चंदा के धारी,

भोले भंडारी त्रिनेत्र धारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


ऊँचे कैलाश पे डेरा है डाला,

अद्भुत अनुपम रूप निराला,

गंगा जल से खुश हो जाते,

जिसने शिवलिंग पर है डाला,

भक्तो की सारी विपदाएँ टाली,

भक्तो की सारी विपदाएँ टाली,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


असुरो को भी वर दे डाले,

शिव शंकर मेरे भोले भाले,

ब्रम्हा को वेद दिए रावण को लंका,

शिव शम्भु तेरे खेल निराले,

भर दी है जिसने झोली पसारी,

भर दी है जिसने झोली पसारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


पार्वती के संग विराजे,

गणपत कार्तिक गोद में साजे,

तेरी महिमा जग से निराली,

तीन लोक में डंका बाजे,

चरणों में झुकती श्रष्टि है सारी,

चरणों में झुकती श्रष्टि है सारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


जय भोले शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

भोले भंडारी चंदा के धारी,

भोले भंडारी त्रिनेत्र धारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥

अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

काहे तेरी अखियों में पानी (Kahe Teri Akhiyo Me Pani)

काहे तेरी अखियों में पानी,
काहें तेरी अखियों में पानी,

रथ सप्तमी उपाय 2025

रथ-सप्तमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल रथ-सप्तमी का पर्व 4 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है।

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