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जहाँ राम की चर्चा होती, आता बजरंग बाला (Jahan Ram Ki Charcha Hoti Aata Bajrang Bala)

जहाँ राम की चर्चा होती,

आता बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला,

ओ मेरा बजरंग बाला,

राम नाम की धुन में नाचे,

होके ये मतवाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


राम नाम की माला,

हर दम मेरा बाला जपता,

राम नाम को लेकर,

हर काम को पूरा करता,

चुटकी में हर काम को करता,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


लक्ष्मण की जी की मुरछा से जब,

राम का मन घबराया,

संजीव बूटी लाकर के,

लक्ष्मण का प्राण बचाया,

सीता माँ का पता लगाके,

सारी लंका को जलाया,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


भूत पिसाच निकट नहीं आवे,

जब हनुमत नाम उचारा,

भक्त शिरोमणि राम दुलारा,

पूजे जग इन्हें सारा,

‘मिट्ठू’ केसरी नंदन ये तो,

लाल लंगोटे वाला,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


जहाँ राम की चर्चा होती,

आता बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला,

ओ मेरा बजरंग बाला,

राम नाम की धुन में नाचे,

होके ये मतवाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


मंत्र जाप का सही समय

हिंदू धर्म में मंत्र जाप को आध्यात्मिक उन्नति का सशक्त माध्यम माना जाता है। मंत्र जाप से ना सिर्फ मानसिक शांति प्राप्त होती है। बल्कि, यह साधक को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति से भी परिपूर्ण कर देता है।

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चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहि माम ।

श्रीराम और होली की कथा

होली का त्योहार सिर्फ द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका संबंध त्रेतायुग और भगवान श्रीराम से भी गहरा है। कहा जाता है कि त्रेतायुग में भी होली मनाई जाती थी, लेकिन तब इसका रूप आज से थोड़ा अलग था। ये सिर्फ रंगों का खेल नहीं था, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़ा हुआ एक अनोखा त्योहार था।

पूरब से जब सूरज निकले (Purab Se Jab Suraj Nikle)

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सिंदूरी घन छाए,

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