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जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं(Jab Jab Hum Dadiji Ka Mangalpath Karte Hai)

जब जब हम दादी का,

मंगल पाठ करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


जो मंगल पाठ कराते हैं,

उनके रहते हरदम ठाठ,

जहां ये पाठ होता है,

वहां हो खुशियों की बरसात,

जब जब हम दादी की,

जयकार करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


कोई चुडला लाता है,

कोई मेहंदी लाता है,

कोई चूनडि लाता है,

कोई गजरा लाता है,

जब जब हम दादीँ का,

सिणगार करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


बधाई सबको मिलती है,

खजाना सब कोई पाते हैं,

दादी जी का कैलाशी,

मिलकर लाड लडाते हैं,

जब जब हम दादीँ की,

मनुहार करते है,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


जब जब हम दादी का,

मंगल पाठ करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो,
परदे की क्या जरुरत,

हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए (Hey Prabhu Anand Data Gyan Humko Deejiye)

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

सकट चौथ व्रत कथा

सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा के साथ-साथ व्रत कथा का पाठ करना भी अनिवार्य माना जाता है। ऐसा करने से व्रतधारी को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं।

फागण को महीनो, लिख दीन्यो बाबा जी के नाम (Fagan Ko Mahino Likh Dino Baba Ji Ke Naam)

फागण को महीनो,
लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,

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