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हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम(Humara Nahi Koi Re Tere Bina Ram)

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे,

हमारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम


भाई बंधु सब कुटुंब कबीला

भाई बंधु सब कुटुंब कबीला

सहारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम


गहरी नदिया नाव पुरानी

गहरी नदिया नाव पुरानी

किनारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम


हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

हमारा नहीं कोई रे,

गोरी सुत गणराज पधारो (Gauri Sut Ganraj Padharo)

गौरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,

चले पवन की चाल, मेरा बजरंगबली (Chale Pawan Ki Chaal Mera Bajrangbali)

लाल लंगोटा हाथ में सोटा,
चले पवन की चाल,

हर ग्यारस खाटू में अमृत जो बरसता है (Har Gyaras Khatu Me Amrit Jo Barasta Hai)

हर ग्यारस खाटू में,
अमृत जो बरसता है,

क्या है कालाष्टमी कथा

हिंदू धर्म में हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इसे भैरव अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है।