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हम नैन बिछाए हैं, हे गणपति आ जाओ (Hum Nain Bichaye Hai Hai Ganpati Aa Jao)

हम नैन बिछाए है,

हे गणपति आ जाओ ॥


गणपति तुम हो बड़े दयालु,

किरपा कर दो हे किरपालु,

हर सांस बुलाए है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए ,

हे गणपति आ जाओ ॥


पाप की गठरी सर पे भारी,

हम को है बस आस तुम्हारी,

बड़ा मन घबराए है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए है,

हे गणपति आ जाओ ॥


जग से हमने तोडा नाता,

गणपति तुमसे जोड़ा नाता,

तुझे नैना निहारे है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए हैं,

हे गणपति आ जाओ ॥


माथे पर सिंदूर है प्यारा,

पीताम्बर है तन पर धारा,

सब आस लगाए है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए हैं,

हे गणपति आ जाओ ॥

राम लक्ष्मण के संग जानकी, जय बोलो हनुमान की (Ram Lakshman Ke Sang Janki)

राम लक्ष्मण के संग जानकी,
जय बोलो हनुमान की,

करदो करदो बेडा पार राधे अलबेली सरकार - भजन (Kardo Kardo Beda Paar Radhe Albeli Sarkar)

करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।

मेरे मन के अंध तमस में (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)

जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।

शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।

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