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हम लाड़ले खाटू वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है,
होते है हम मायूस कभी,
ये मोरछड़ी लहराता है,
हम लाड़ले खाटु वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है ॥
ये मात पिता ये बंधू सखा,
ये अपना पालनहारा है,
हम सब तो इसको प्यारे है,
ये हमको जान से प्यारा है,
हम सबको बुलाकर खाटू में,
ये अपना प्यार लुटाता है,
हम लाड़ले खाटु वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है ॥
हो राहे कितनी कठिन मेरी,
दिखती ना हो हमको मंजिल,
मन हारा हो जब भी अपना,
एक कदम भी चलना हो मुश्किल,
ये हाथ पकड़कर बच्चो का,
उन्हें मंजिल तक पहुँचता है,
हम लाड़ले खाटु वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है ॥
जब चैन ना हो बैचेन हो दिल,
नींदे अपनी उड़ जाती है,
ऐसे में रो रो कर हमको,
जब श्याम की याद सताती है,
झट आकर के सर पे मेरे,
ये अपना हाथ फिराता है,
हम लाड़ले खाटु वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है ॥
हम गलती पे ग़लती करते है,
फिर भी ये हमसे प्यार करे,
हम नालायक बच्चो से सदा,
मात पिता सा व्यव्हार करे,
ये कान पकड़ कर ‘रोमी’ के,
हर गलती पे समझाता है,
हम लाड़ले खाटु वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है ॥
हम लाड़ले खाटू वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है,
होते है हम मायूस कभी,
ये मोरछड़ी लहराता है,
हम लाड़ले खाटु वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है ॥