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होली रे होली बरसाने की होली (Holi Re Holi Barsane Ki Holi)

राधा कृष्ण ने मिल कर खेली बरसाने की होली,

संग किशन के ग्वाल सखा है सखियाँ राधा टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


हाथो में लेके रंगो गुलाल मोहन ने रंग डाले राधा के गाल,

राधा की होली थी सच मुच् कमाल श्याम रंग वाले को कर डाले लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


लाली मेरे लाल की मैं चित देखु तित लाल,

लाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लाल ॥


नैनो से बाते करे नंग लाल मुश्का के राधा रानी करती कमल,

आज नहीं मन में है कोई मिलाल वैसा बरसाने में जैसे हो लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को,

आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi door us aakash ke gaharaiyon mein)

दूर उस आकाश की गहराइयों में,
एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

राधा से कर दे सगाई(Radha Se Karde Sagai)

प्यारी ओ प्यारी मैया,
ओ प्यारी प्यारी मैया,

शुक्रदेव की पूजा कैसे करें?

हिंदू धर्म में शुक्र देवता को भौतिक सुख-सुविधाओं का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, शुक्रदेव को सौंदर्य और आकर्षण का देवता भी माना जाता है। लोग उनकी कृपा पाने के लिए पूजा करते हैं ताकि वे सुंदर और आकर्षक बन सकें।

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