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हे त्रिपुरारी गंगाधरी(Hey Tripurari Gangadhari)

हे त्रिपुरारी गंगाधरी,

सृष्टि के आधार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


शिव शंकर है नाम तिहारा,

चंद्रशेखर शिव अगहारा,

दानी महादानी शिव शंकर,

दानी महादानी शिव शंकर,

करते बेड़ा पार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


गौरा जी के प्राण प्यारे,

कार्तिक गणपत आँख के तारे,

त्रिपुंड धारी है नटराजा,

पहने सर्प हार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


नीलकंठ जय भीमाशंकर,

महाकाल जय जय अभ्यंकर,

मृगछाला और भस्मी धारी,

जय जय डमरू धार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


हे त्रिपुरारी गंगाधरी,

सृष्टि के आधार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥

सरस्वती नदी की पूजा कैसे करें?

सरस्वती नदी का उल्लेख विशेष रूप से ऋग्वेद, महाभारत, और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में किया गया है। वेदों में इसे एक दिव्य नदी के रूप में पूजा गया है और यह ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है।

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा(Jindagi Me Hajaro Ka Mela Juda)

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।

गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री लिस्ट

गणेश चतुर्थी की शुरुआत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और यह पर्व चतुर्दशी तिथि को समाप्त होता है। यह 10 दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव होता है।

कर प्रणाम तेरे चरणों में - प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)

कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज ।
पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥

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