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हे शिव भोले भंडारी(Hey Shiv Bhole Bhandari)

हे शिव भोले भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


बाघम्बर तेरे अंग पर सोहे,

हाथ में तिरशूल भारी,

भूत पिशाच नृत्य करे संग में,

नाचे दे दे ताली,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


डम डम डमरू बजाए,

नंदी की सवारी,

विष को पीकर क्षण में शिव ने,

देवो की विपदा टारि,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


उमा रमण शम्भू त्रिपुरारी,

भव भय भंजनहारी,

इस विरले दानी की महिमा,

गावे सब नर नारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


‘दामोदर’ की विनती यही है,

काटो विपदा हमारी,

कष्ट मिटा जग के तुम कर दो,

घर घर में खुशयारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


हे शिव भोले भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥

शाबर मंत्र क्या है?

भारतीय परंपरा में मनोकामना पूर्ति और विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप एक प्राचीन प्रथा है। इन मंत्रों में से एक विशिष्ट श्रेणी, जिसे शाबर मंत्र कहा जाता है अपनी प्रभावशीलता और सरलता के लिए विशेष रूप से जानी जाती है।

दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे(Dulha Bane Bholenath Ji Hamare)

दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे,

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी: भजन (Balaji Mhara Kasht Niwaro Ji)

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