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हे शेरावाली नजर एक कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो,

अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,

हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥


तेरे सिवा ना मुझे कुछ भी भाए,

देखूं जिधर भी नज़र तू ही आए,

मुझको दीवाना कर इस कदर दो,

हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥


रूठे भले माँ ये सारा जमाना,

हे जग की मालिक ना तुम रूठ जाना,

सिर पे तू मेरे माँ हाथ धर दो,

हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥


दे दो मुझे भीख में अपनी भक्ति,

चढ़ के ना उतरे माँ दो ऐसी मस्ती,

फैलाए कबसे खड़ा झोली भर दो,

हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥


सोए जगा दो हे माँ भाग्य मेरे,

गाता रहूं बस भजन मैया तेरे,

‘राजू’ को मैया बस इतना वर दो,

हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥


हे शेरावाली नजर एक कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो,

अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,

हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,

हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥

बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,
कब लोगे खबर मोरे राम,

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

ए पहुना एही मिथिले में रहुना (Ae Pahuna Mithile Me Rahuna)

ए पहुना एही मिथिले में रहु ना,
जउने सुख बा ससुरारी में,