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हे संकट मोचन करते है वंदन(Hey Sankat Mochan Karte Hai Vandan)

हे संकट मोचन करते है वंदन,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

सालासर वाले तुम हो रखवाले,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


सिवा तेरे ना दूजा हमारा,

तू ही आकर के देता सहारा,

जो भी विपदा आए,

पल में मिट जाए,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


तूने रघुवर के दुखड़ो को टाला,

हर मुसीबत से उनको निकाला,

रघुवर के प्यारे,

आँखों के तारे,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


अपने भगतो के दुखड़े मिटाते,

‘हर्ष’ आफत से हमको बचाते,

किरपा यूँ रखना,

थामे तू रखना,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


हे संकट मोचन करते है वंदन,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

सालासर वाले तुम हो रखवाले,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥

बोल पिंजरे का तोता राम (Bol Pinjare Ka Tota Ram)

बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,

ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा (O Shankara Mere Shiv Shankara)

ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले, ऐसी चिलम पिला देना (Bholenath Mere Marne Se Pahle Aisi Chilam Pila Dena)

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,
ऐसी चिलम पिला देना,

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि और शुभ-मुहूर्त

प्रत्येक महीने की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा के चरण और शरण में रहने से साधक को सभी प्रकार के सुखों मिलते हैं।

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