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हे करुणा मयी राधे, मुझे बस तेरा सहारा है (Hey Karuna Mayi Radhe Mujhe Bas Tera Sahara Hai)

हे करुणा मयी राधे,

मुझे बस तेरा सहारा है,

मुझे बस तेरा सहारा है,

अपना लो मुझे श्यामा,

तेरे बिन कौन हमारा है,

तेरे बिन कौन हमारा है,

हे करुणा मयी राधे,

मुझे बस तेरा सहारा है ॥



कोई किसी का नहीं जहाँ में,

झूठी जग की आस,

झूठी जग की आस,

हम बेबस लाचारों की श्यामा,

तुम से यही अभिलाष,

तुम से यही अभिलाष,

दिनों पे कृपा करना,

यही स्वाभाव तुम्हारा है,

यही स्वाभाव तुम्हारा है,

हे करुणा मयी राधें,

मुझे बस तेरा सहारा है ॥


गहरी नदिया नांव पुरानी,

डगमग डोले नैया,

डगमग डोले नैया,

बिच भवर में आन फसा हूँ,

पकड़ो मेरी बहियाँ,

पकड़ो मेरी बहियाँ,

कहीं डूब ना जाऊँ मैं,

किशोरी दूर किनारा है,

किशोरी दूर किनारा है,

हे करुणा मयी राधें,

मुझे बस तेरा सहारा है ॥


तेरे दर पे जो भी आए,

उनको तुम अपनाती,

उनको तुम अपनाती,

गर्दिश के मारो की श्यामा,

बिगड़ी बात बनाती,

बिगड़ी बात बनाती,

हम जैसे अधमो का,

जीवन तुमने ही सवारा है,

जीवन तुमने ही सवारा है,

हे करुणा मयी राधें,

मुझे बस तेरा सहारा है ॥


चित्र विचित्र अपने कर्मो से,

मन ही मन घबराए,

मन ही मन घबराए,

तेरी कृपा का ले के सहारा,

द्वार तुम्हारे आए,

द्वार तुम्हारे आए,

तेरे दर के सिवा मेरा,

कहीं नहीं और गुजारा है,

कहीं नहीं और गुजारा है,

हे करुणा मयी राधें,

मुझे बस तेरा सहारा है ॥

जब जब मन मेरा घबराए(Jab Jab Man Mera Ghabraye)

जब मन मेरा घबराए,
कोई राह नज़र ना आये,

आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां (Aalha Ki Dhwaja Nahin Aayi Ho Maa)

तीन ध्वजा तीनों लोक से आईं
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां

गणेश जयंती पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है

मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

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