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हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके (Har Ghadi Yaad Teri Aaye Sautan Banke)

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


इक जमाना था बुलाने से चला आता था,

मुझको कण कण में तेरा चेहरा नजर आता था,

टूट गई मैं तेरे चेहरे का दर्पण बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


शीशे जैसा मेरा दिल था जो तूने तोड़ दिया,

मुझको लगता है किसी और से दिल जोड़ लिया,

अब तो हर रात मुझे ढसती है नागिन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


दर्द अब दिल का बढ़ाने से भला क्या होगा,

श्याम जो रूठा साथ छूटा अब कहाँ होगा,

श्याम ब्रिज वास करूँ फिरती हूँ बावरी बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


Hartalika Teej 2024: शिव और पार्वती की कृपा के लिए रखें हरतालिका तीज का व्रत

सनातन धर्म में हरतालिका तीज को सुहागिनों के सबसे बड़े त्योहार के रूप में मान्यता मिली हुई।

मेरी मां के बराबर कोई नहीं

ऊँचा है भवन, ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान, मैया तेरी
चरणों में झुकें बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी

नर्मदा जयंती कब है

हिंदू धर्म में प्रकृति को विशेष महत्व दिया जाता है। इसमें, वृक्षों से लेकर पशु-पक्षियों तक को पूजनीय माना जाता है। नदियां को भारतीय संस्कृति में पवित्र और पूजनीय माना गया है।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

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