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हनुमत जय बजरंगबली (Hanumat Jay Bajrangbali)

हनुमत जय बजरंगबली,

आपका नाम जपा है जिसने,

विपदा उसकी टली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


आपसे बढ़कर कौन है ज्ञानी,

आपसे बढ़कर कौन है दानी,

सारी सिद्धियाँ पास आपके,

भूत प्रेत सब दास आपके,

इसीलिए तो आपकी चर्चा,

इसीलिए तो आपकी चर्चा,

होती गली गली,

जय बजरंगबली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


सियाराम के आप दुलारे,

सब देवों में आप है प्यारे,

आप पिता है आप ही माता,

हर प्राणी से आपका नाता,

सारे जग में हर एक मन में,

सारे जग में हर एक मन में,

आपकी ज्योति जली,

जय बजरंगबली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


दुखियों के दुःख हरने वाले,

खाली झोली भरने वाले,

प्रभु आप है दया के सागर,

आपका मन करुणा का गागर,

दृष्टि आपकी जिसपे पड़ी है,

दृष्टि आपकी जिसपे पड़ी है,

नवनिधि उसको मिली,

जय बजरंगबली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


हनुमत जय बजरंगबली,

आपका नाम जपा है जिसने,

विपदा उसकी टली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर कैसे करें गणेश पूजा

सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी प्रमुख रूप से भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन, हम शरण तिहारी आए है (Hey Pratham Pujya Gaurinandan Hum Sharan Tihari Aaye Hai)

हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन,
हम शरण तिहारी आए है,

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