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हनुमान तेरी कृपा का भंडारा चल रहा है (Hanuman Teri Kirpa Ka Bhandara Chal Raha Hai)

हनुमान तेरी कृपा का भंडारा चल रहा है,

हर और घना अँधेरा मेरा दीप जल रहा है,

कोई रहा ना बेबस ना कोई अभागा,

तूने दिया भगत को किस्मतो से ज़्यादा ॥


सुध बुध खोई मैंने मन हनुमान से जोड़ा,

अब काहे मैं सोचूं क्या पाया क्या छोड़ा ॥


सूखे में सावन सा तू कश्ती तूफानों की,

गिनती ना हो पाए तेरे एहसानो की,

भक्तों ने जब भी पुकारा तू आया दौड़ा दौड़ा,

क्या पाया क्या छोड़ा ॥


जो भी हनुमान को पूजे और चाहे सच्चे मन से,

कोसो दूर है रहता दुःख उसके जीवन से,

सबने दुःख में छोड़ा पर तूने मुख ना मोड़ा,

क्या पाया क्या छोड़ा ॥


बालाजी के चरणों में ये काम कर दिया (Balaji Ke Charno Mein Ye Kaam Kar Diya)

बालाजी के चरणों में ये काम कर दिया,
एक दिल था वो भी इनके नाम कर दिया ॥

प्रदोष व्रत पर क्या करें या न करें

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत प्रत्येक महीने में दो बार, त्रयोदशी तिथि को (स्नान, दिन और रात के समय के अनुसार) किया जाता है, एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में।

अम्बे रानी तेरो झूलना रे (Ambe Rani Tero Jhulna Re)

झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।
झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।

दर्शन को अखियाँ प्यासी है, कब दर्शन होगा श्याम धणी(Darshan Ko Akhiyan Pyasi Hai, Kab Darshan Hoga Shyam Ghani)

दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,

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