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हमारे दो ही रिश्तेदार (Hamare Do Hi Rishtedar)

हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।

हमारे दो ही रिश्तेदार,


सेठ हमारे बांके बिहारी,

सेठानी वृशभानु दुलारी,

जो कोई जपता राधे राधे,

वो हो जाये भव से पार,

हमारे दो ही रिश्तेदार,


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।


ममतामयी है राधिका रानी,

हर बात श्याम ने इनकी मानी,

राधा नाम की जड़ी बूटी से ,

होते यहां उपचार,

हमारे दो ही रिश्तेदार,


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।


न कोई चिंता न कोई टेंशन,

राधा नाम है दिल मे मेंशन,

भरी सभा मे कह सकते है,

आई लव यू सरकार ,

हमारे दो ही रिश्तेदार


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।


चाहे जो आनन्द में रहना

मान लो कनिष्क का कहा

हर पल है आनन्द बरसता

अनोखा है ये दरबार

हमारे दो ही रिश्तेदार


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।

हमारे दो ही रिश्तेदार

अगहन को मार्गशीर्ष क्यों कहते हैं

मार्गशीर्ष मास धर्म, भक्ति और ज्योतिषीय महत्व से परिपूर्ण एक विशिष्ट मास माना जाता है। यह मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ भी माना जाता है।

होली आई रे होली आई रे(Holi Ae Re Holi Aae Re)

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी
भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

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