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हार गया हूँ जग से बाबा (Haar Gaya Hoon Jag Se Baba)

हार गया हूँ जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक मुझको बना लो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


पापी हूँ या कपटी हूँ मैं,

जैसा भी हूँ तेरा हूँ,

अपनों ने ठुकराया मुझको,

मैं बिलकुल अकेला हूँ,

सर पे रख दो हाथ मेरे अब,

अपनी शरण में बुला लो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


दीनों के तुम दाता हो फिर,

क्यों झोली मेरी खाली है,

सब भक्तों की बिगड़ी बनाई,

अब बाबा मेरी बारी है,

लीले चढ़ के जल्दी आओ,

आकर लाज बचाओ तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


तेरे सिवा ना कोई मेरा,

किसको हाल सुनाऊँ मैं,

‘अर्चू’ पे क्या बीत रही है,

कैसे तुझसे छुपाऊं मैं,

बिच भंवर में अटकी नैया,

आकर पार लगा दो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


हार गया हूँ जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक मुझको बना लो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


वन में चले रघुराई (Van Me Chale Raghurai )

वन में चले रघुराई,
संग उनके सीता माई,

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम (Om Sundaram Omkar Sundaram)

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम,
शिव सुंदरम शिव नाम सुंदरम,

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