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गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म (Guru Meri Puja Guru Mera Parbrahma)

गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद

गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत


गुरु मेरा देव अलख अभेव

सरब पूज्य, चरण गुरु सेवू

॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥


गुरु बिन अवर नहीं मैं थाओ

अन दिन जपो, गुर गुर नाओ

॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥


गुरु मेरा ग्यान, गुरु रिदे धयान

गुरु गोपाल पुरख भगवान्

॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥


गुरु की सरन रहूँ कर जोर

गुरु बिना मैं नाही होर

॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥


गुरु बोहित तारे भव पार

गुरु सेवा ते यम छुटकार

॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥


अन्धकार में गुरु मन्त्र उजारा

गुरु कै संग सगल निस्तारा

॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥


गुरु पूरा पाईये वडभागी

गुरु की सेवा दुःख ना लागी

॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥


गुरु का सबद ना मेटे कोई

गुरु नानक नानक हर सोए


गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद

गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत

आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ (Aaja Maa Aaja Maa Ek Baar Mere Ghar Aaja Maa )

आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आजा माँ,

चैत्र महीना भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे चैत्र माह में मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।

जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।
त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥

कब और क्यों मनाई जाती है मौनी अमावस्या?

मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो माघ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन पिंडदान, तर्पण, अन्न और धन का दान, पवित्र नदी में स्नान और मौन व्रत किया जाता है।

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