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गोविंदा आने वाला है (Govinda Aane Wala Hai)

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला है,

गोविंदा आने वाला हैं,

गोपाला आने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


फूलों से गलियां सजवाओ,

मटके में माखन भरवाओ,

ग्वालो बालों को संग लाकर,

वो रास रचाने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


छलिया ऐसा चितचोर कहाँ,

इसके जैसा कोई और कहाँ,

अधरों पर रखकर मुरली की,

कोई तान सुनाने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


वो नटवर नागर गिरधारी,

सूरत पे जाऊं बलिहारी,

‘वैभव’ बेरंगी दुनिया में,

वो रंग जमाने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला है,

गोविंदा आने वाला हैं,

गोपाला आने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


राम जपते रहो, काम करते रहो (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)

राम जपते रहो, काम करते रहो ।
वक्त जीवन का, यूँही निकल जायेगा ।

भक्तो का कल्याण करे रे, मेरा शंकर भोला (Bhakto Ka Kalyan Kare Re Mera Shankar Bhola)

भक्तो का कल्याण करे रे,
मेरा शंकर भोला,

क्यों घबराता है पल पल मनवा बावरे (Kyun Ghabrata Hai Pal Pal Manva Baware)

क्यों घबराता है,
पल पल मनवा बावरे,

कालाष्टमी की पौराणिक कथा

सनातन हिंदू धर्म में, कालाष्टमी का पर्व शक्ति, साहस, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के भैरव स्वरूप की उपासना करने से जातक के जीवन के सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं।

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