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गौरा जी को भोले का, योगी रूप सुहाया है(Goura Ji Ko Bhole Ka Yogi Roop Suhaya Hai)

गौरा जी को भोले का,

योगी रूप सुहाया है,

इसीलिए तप करके,

भोलेनाथ को पाया है,

गौरा माँ को भोले का ॥


कैलाश पर्वत पे,

शिव जी का बसेरा है,

शिव जी के चरणों में,

गौरा माँ का डेरा है,

शिव शक्ति बन करके,

इन लीला को रचाया है,

गौरा माँ को भोले का,

योगी रूप सुहाया है ॥


मेरे भोले शिव जैसा,

देव ना कोई दूजा,

पार्वती माँ इनकी,

दिन रात करे पूजा,

हर युग में शिव जी का,

देखो साथ निभाया है,

गौरा माँ को भोले का,

योगी रूप सुहाया है ॥


देवों के देव है ये,

महाकाल महादेवा,

गणेश और कार्तिक जी,

इनकी करे सेवा,

नंदी भ्रंगी शिवगण ने,

जयकारा लगाया है,

गौरा माँ को भोले का,

योगी रूप सुहाया है ॥


इक लौटा जल जो भी,

शिव लिंग पे चढ़ाता है,

मन की मुरादे सारी,

शिव मंदिर से पाता है,

अपने सब भक्तो को,

भव पार लगाया है,

गौरा माँ को भोले का,

योगी रूप सुहाया है ॥


गौरा जी को भोले का,

योगी रूप सुहाया है,

इसीलिए तप करके,

भोलेनाथ को पाया है,

गौरा माँ को भोले का ॥

मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त

माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए भारी संख्या में भक्त आते हैं।

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa)

गुड़ी पड़वा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर पर फहराने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

छठि मैया बुलाए (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू
बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार (Mere Banke Bihari Lal Tu Itna Na Nario Shringar)

मेरे बांके बिहारी लाल,
तू इतना ना करिओ श्रृंगार,

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