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गोबिंद चले चरावन गैया (Gobind Chale Charavan Gaiya)

गोबिंद चले चरावन गैया ।

दिनो है रिषि आजु भलौ दिन,

कह्यौ है जसोदा मैया ॥


उबटि न्हवाइ बसन भुषन,

सजि बिप्रनि देत बधैया ।

करि सिर तिलकु आरती बारति,

फ़ुनि-फ़ुनि लेति बलैया ॥


’चतुर्भुजदास’ छाक छीके सजि,

सखिन सहित बलभैया ।

गिरिधर गवनत देखि अंक भर,

मुख चूम्यो व्रजरैया ॥

जगमग हुईं अयोध्या नगरी, सन्त करें गुणगान (Jagmag Hui Ayodhya Nagari Sant Kare Gungan)

जगमग हुई अयोध्या नगरी,
रतन सिंहासन राम विराजें,

श्री शीतला माता जी की आरती(Shri Shitala Mata Ji Ki Aarti )

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता॥

नंदी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले(Nandi Pe Bitha Ke Tu Ghuma De Bhole)

नंदी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया,

बालाजी की दुनिया दीवानी (Balaji Ki Duniya Diwani)

बालाजी की दुनिया दीवानी,
सब ही जाने इनकी कहानी,

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