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गिरिजा के छैया,
गणपति तुम्हे पुकारूँ,
पूजूं मैं तुम्हे,
आरती तेरी उतारूँ,
गिरिजा के छैंया ॥
पान फूल मेवा से,
चरणों की सेवा से,
प्रथम तुम्हे पूजूं,
मैं छवि चित धारण,
गिरिजा के छैंया,
गणपति तुम्हे पुकारूँ,
गिरिजा के छैंया ॥
देव दुष्ट हन्ता हो,
जगत के नियंता हो,
शरण आऊं आपकी,
मैं पइयाँ पखारूँ,
गिरिजा के छैंया,
गणपति तुम्हे पुकारूँ,
गिरिजा के छैंया ॥
रिद्धि सिद्धि दाता हो,
ज्ञान के विधाता हो,
हर लो दुःख देवा,
आशा से तुम्हे निहारूं,
गिरिजा के छैंया,
गणपति तुम्हे पुकारूँ,
गिरिजा के छैंया ॥
गिरिजा के छैया,
गणपति तुम्हे पुकारूँ,
पूजूं मैं तुम्हे,
आरती तेरी उतारूँ,
गिरिजा के छैंया ॥