नवीनतम लेख

घर में पधारो गजानन जी(Ghar Me Padharo Gajanan Ji)

घर में पधारो गजाननजी,

मेरे घर में पधारो

रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


राम जी आना,

लक्ष्मण जी आना

संग में लाना सीता मैया,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


ब्रम्हा जी आना,

विष्णु जी आना

भोले शशंकर जी को ले आना,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


लक्ष्मी जी आना,

गौरी जी आना

सरस्वती मैया को ले आना,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


विघन को हारना,

मंगल करना,

कारज शुभ कर जाना,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥

कभी-कभी भगवान को भी भक्तो (Kabhi Kabhi Bhagwan Ko Bhi Bhakto Se Kam Pade)

प्रभु केवट की नाव चढ़े
कभी कभी भगवान को भी भक्तो से काम पड़े ।

तेरे नाम का करम है ये सारा (Tere Naam Ka Karam Hai Ye Sara)

तेरे नाम का करम है ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये,

माघ कृष्ण की षट्तिला एकादशी (Magh Krishna ki Shattila Ekaadashee)

एक समय दालभ्यजी ने प्रजापति ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य जी से प्रश्न किया कि प्रभो! क्या कोई ऐसी भी शक्ति या उपाय है कि जिसके करने से ब्रह्महत्या करने इत्यादि के कुटिल कर्मों के पापों से मनुष्य सरलता पूर्वक छूट जाय भगवन् !

श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

यह भी जाने