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घनश्याम तुम ना आये, जीवन ये बीता जाये (Ghanshyam Tum Na Aaye Jeevan Ye Beeta Jaye)

घनश्याम तुम ना आये,

जीवन ये बीता जाये ॥


तेरा वियोग प्यारे,

अब तो सहा ना जाये,

एक बार आ भी जाओ,

बैठे हो क्यो छिपाये,

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


मैं ढूढ़ती थी दर दर,

पर तुम नजर ना आये,

मुझे क्या पता था मेरे,

इस दिल में हो समाये

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


जीवन की संध्या बेला,

अब आ चुकी हैं प्रीतम,

उस वक़्त आ भी जाना,

जब प्राण तन से जाये,

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


घनश्याम तुम ना आये,

जीवन ये बीता जाये ॥

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बुधवार व्रत की प्रामाणिक-पौराणिक कथा (Budhvaar Vrat Ki Praamaanik-Pauraanik Katha)

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मैं दो-दो माँ का बेटा हूँ,
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