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गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी (Gauri Ganesh Manau Aaj Sudh Lije Hamari)

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


सुरहिन गैया को गोबर मनागौं,

दिग धर अगना लीपाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


गंगा जल स्नान कराऊँ,

पीताम्बर पहनाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


हरी हरी दूब मैं खूब चढ़ाऊँ,

चन्दन घोल लगाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


पहली पूजा करूँ तुम्हारी,

लड्डू भोग लगाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है (Jara Der Thehro Ram Tamanna Yahi Hai)

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है ॥

राम राज फिर से आयील बा (Ram Raj Fir Se Aayil Ba)

कब से लागल आस पुराइल,
सब जन के मनवा हरसाइल

भाद्रपद शुक्ल की वामन एकादशी (Bhadrapad Shukal Ke Vaman Ekadashi )

इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन ने कहा- भगवन्! अब आप कृपा कर मुझे भाद्र शुक्ल एकादशी के माहात्म्य की कथा सुनाइये और यह भी बतलाइये कि इस एकादशी का देवता कौन है और इसकी पूजा की क्या विधि है?

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर, है तेरा दरबार(Is Dharti Par Swarg Se Sundar Hai Tera Darbar)

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर,
है तेरा दरबार ॥

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