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गणपति के चरणो में, ध्यान लगा ले रे (Ganpati Ke Charno Mein Dhyan Laga Le Re)

गणपति के चरणों में,

ध्यान लगा ले रे,

रिद्धि और सिद्धि,

तुझे सब मिल जाए रे,

गणपति के चरणो में,

ध्यान लगा ले रे ॥


प्रथम पूज्य तुम हो देवा,

करूँ नित्य तेरी सेवा,

मोदक भोग लगाना है,

बप्पा तुम्हे मनाना है,

नाचे और झूमे,

और तुम्हे मनाए रे,

गणपति के चरणो में,

ध्यान लगा ले रे ॥


उत्सव तेरा मनाना है,

अपने घर में लाना है,

फूलो और कलियों से,

मंदिर तेरा सजाना है,

ढोलक और छेणा,

मृदंग बजाए रे,

गणपति के चरणो में,

ध्यान लगा ले रे ॥


गौरा माँ के प्यारे है,

शिव के राज दुलारे है,

इस कलयुग में भक्तो के,

ये ही सच्चे सहारे है,

भव में हो नैया,

यही पार लगाए रे,

गणपति के चरणो में,

ध्यान लगा ले रे ॥


इनकी शरण में आओगे,

सुख सम्रद्धि पाओगे,

भव सागर से तरना है,

इनका दर्शन करना है,

ज़िन्दगी में तेरे,

खुशियाँ भर जाए रे,

गणपति के चरणो में,

ध्यान लगा ले रे ॥


गणपति के चरणों में,

ध्यान लगा ले रे,

रिद्धि और सिद्धि,

तुझे सब मिल जाए रे,

गणपति के चरणो में,

ध्यान लगा ले रे ॥

आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ (Aaja Maa Aaja Maa Ek Baar Mere Ghar Aaja Maa )

आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आजा माँ,

षटतिला एकादशी के मंत्र

25 जनवरी 2025 को षटतिला एकादशी का व्रत है। इस दिन तिल का काफी महत्व होता है। षटतिला एकादशी के दिन तिल का छह तरीकों से प्रयोग किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में भी विशेष रूप से तिल का इस्तेमाल किया जाता है।

शिवजी से दिल लगा ले (Shivji Se Dil Lagale)

शिवजी से दिल लगा ले,
शिव जी है भोले भाले,

विजया एकादशी व्रत कथा 2025

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

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