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फागण को महीनो, लिख दीन्यो बाबा जी के नाम (Fagan Ko Mahino Likh Dino Baba Ji Ke Naam)

फागण को महीनो,

लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,

कोई काम नहीं दूजो,

बस बोलां जय श्री श्याम ॥

खाटू की नगरिया,

सजगी निराली जी,

गलियां गलियां गूंजे,

म्हारे श्याम धणी रो नाम ॥


बेगा सा चालो,

श्याम धणी के द्वार,

बाबो बैठ्यो बैठ्यो,

जोवे टाबरिया री बाट ॥


ऐसो तो नज़ारो,

देख्यो सुन्यो ना कोई द्वार,

है स्वर्ग से भी सुन्दर,

म्हारे श्याम धणी रो धाम ॥


फागण को महीनो,

लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,

कोई काम नहीं दूजो,

बस बोलां जय श्री श्याम ॥


कार्तिगाई दीपम क्यों मनाते हैं

कार्तिगाई दीपम पर्व प्रमुख रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

जो भी भला बुरा है, श्री राम जानते है (Jo Bhi Bhala Bura Hai Shri Ram Jante Hain)

जो भी भला बुरा है,
श्री राम जानते है,

धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है,
श्री राधा नाम की,

बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा (Bansi Wale Ke Charno Me, Sar Ho Mera)

बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।

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