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दुःख की बदली, जब जब मुझ पे छा गई(Dukh Ki Badli Jab Jab Mujhpe Cha Gayi )

दुःख की बदली,

जब जब मुझ पे छा गई,

सिंह सवारी करके,

मैया आ गई,

वो आ गई वो आ गई,

वो आ गई मेरी माँ,

दुख की बदली,

जब जब मुझ पे छा गई,

सिंह सवारी करके,

मैया आ गई ॥


जब जब संकट आया है,

माँ को सामने पाया है,

दुनिया ने रिश्ते तोड़े,

इसने साथ निभाया है,

रोते हुए को हसा गई,

अपने गले लगा गई,

वो आ गई वो आ गई,

वो आ गई मेरी माँ,

दुख की बदली,

जब जब मुझ पे छा गई,

सिंह सवारी करके,

मैया आ गई ॥


स्वार्थ के संसार में,

तू ही एक सहारा है,

तेरे बिना इस जग में माँ,

कोई नहीं हमारा है,

हारे हुए को जीता गई,

भक्त का मान बढ़ा गई,

वो आ गई वो आ गई,

वो आ गई मेरी माँ,

दुख की बदली,

जब जब मुझ पे छा गई,

सिंह सवारी करके,

मैया आ गई ॥


ये सच्ची दातार है,

इसकी दया अपार है,

इसकी रहमत से चलता,

मेरा घर संसार है,

‘रजनी’ की बिगड़ी बना गई,

हर घड़ी लाज बचा गई,

वो आ गई वो आ गई,

वो आ गई मेरी माँ,

दुख की बदली,

जब जब मुझ पे छा गई,

सिंह सवारी करके,

मैया आ गई ॥


दुःख की बदली,

जब जब मुझ पे छा गई,

सिंह सवारी करके,

मैया आ गई,

वो आ गई वो आ गई,

वो आ गई मेरी माँ,

दुख की बदली,

जब जब मुझ पे छा गई,

सिंह सवारी करके,

मैया आ गई ॥

कुंभ संक्रांति शुभ योग

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

प्रभु राम का बनके दीवाना (Prabhu Ram Ka Banke Deewana)

प्रभु राम का बनके दीवाना,
छमाछम नाचे वीर हनुमाना,

खाटू वाले श्याम हमारे(Khatu Wale Shyam Hamare)

खाटू वाले श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,

मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है (Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai)

मैं हार गया जग से,
अब तुमको पुकारा है,