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दिन जिंदगी के चार,

चाहे कम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना,

तेरी चौखट पे,

जनम मरण देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


तेरे दरबार की,

मैं करूँ चाकरी,

दर पे भजनो से,

लगती रहे हाजरी,

मेरी अर्जी में,

थोड़ा वजन देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


एक पल ना बिसारु,

मैं बाबा तुझे,

सुख में दुःख में,

पुकारू प्रभु मैं तुझे,

मेरी वाणी में,

श्याम इतना दम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


तेरे चरणों की रज,

सदा माथे धरूँ,

तेरी सेवा में,

तनमन समर्पित करूँ,

ऐसे अच्छे तू,

मुझको करम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


जिंदगी का मेरे,

जब हो अंतिम सफर,

तेरे चरणों में,

रखा हो ‘रोमी’ का सर,

मेरे तन पे तेरे,

नाम का कफ़न देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


दिन जिंदगी के चार,

चाहे कम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना,

तेरी चौखट पे,

जनम मरण देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥

नौ दिन का त्यौहार है आया (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

नौ दिन का त्यौहार है आया,
ध्यान करो माँ नवदुर्गा का,

दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें

दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी दुर्गा की कृपा पाने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माध्यम है। इसे 'चंडी पाठ' के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनकी विजय और शक्ति का वर्णन करते हैं।

मुरख बन्दे, क्या है रे जग मे तेरा (Murakh Bande Kya Hai Re Jag Me Tera)

ओ मुरख बन्दे,
क्या है रे जग मे तेरा,

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