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दर्शन को तेरे आया(Darshan Ko Tere Aaya )

दर्शन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


तुम ही मेरे हो लंबोदर,

आस ना कोई दूजा,

अपनी किरपा रखना स्वामी,

मन से की है पूजा,

मंदिर में तेरे आके देवा,

लडुवन भोग लगाके,

दर्शंन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


ना कोई बंधन जगत का कोई,

पहरा ना लग पाए,

सब बाधाएं दूर है होती,

शरण जो तेरी आये,

गजमुख देव छवि ये तेरी,

मन में इसे बिठाके,

दर्शंन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


तेरा ही मुख देख गणेशा,

रात को मैं सो जाऊं,

भोर भये जब आंख खुले तो,

तेरे दर्शन पाऊं,

शिव के पुत्र दुलारे तुम हो,

भक्तो के भी प्यारे,

दर्शंन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


दर्शन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥

श्याम ऐसो जिया में समाए गयो री: भजन (Shyam Eso Jiya Me Samay Gayo Ri)

श्याम ऐसो जिया में,
समाए गयो री,

मेरो कान्हा गुलाब को फूल (Mero Kanha Gulab Ko Phool)

मेरो कान्हा गुलाब को फूल,
किशोरी मेरी कुसुम कली ॥

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।

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