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दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया (Dard Kisako Dikhaun Kanaiya)

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,

दुनिया वाले नमक है छिड़कते,

कोई मरहम लगाता नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥


किसको बैरी कहूं किसको अपना,

झूठे वादे है सारे ये सपना,

अब तो कहने में आती शरम है,

रिश्ते नाते ये सारे भरम है,

देख खुशियां मेरी ज़िंदगी की,

रास अपनों को आती नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥


ठोकरों पर है ठोकर खाया,

जब भी दिल दुसरो से लगाया,

हर कदम पे है सबने गिराया,

सबने स्वारथ का रिश्ता निभाया,

तुझसे नैना लड़ाना कन्हैया,

दुनिया वालो को भाता नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥


दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,

दुनिया वाले नमक है छिड़कते,

कोई मरहम लगाता नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥

बुधवार व्रत कथा और महत्व

सनातन हिंदू धर्म के अनुसार सभी सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित होते हैं। इसलिए, हर दिन के अनुसार पूजा-आराधना की जाती है।

गृह शांति पूजा विधि

हिंदू धर्म में एक परिवार के लिए उसका घर एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में वो नहीं चाहेगा, कि घर में किसी तरह की दिक्कत आए। इसी कारण से लोग घर के लिए गृह शांति पूजा करवाते हैं।

शबरी रो रो तुम्हे पुकारे (Sabri Ro Ro Tumhe Pukare)

शबरी तुम्हरी बाट निहारे,
वो तो रामा रामा पुकारे,

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