नवीनतम लेख

दर पे तुम्हारे सांवरे (Dar Pe Tumhare Saware)

दर पे तुम्हारे सांवरे,

सर को झुका दिया,

मैंने तुम्हारी याद में,

खुद को मिटा दिया,

दर पे तुम्हारे साँवरे,

सर को झुका दिया ॥

ओ सांवरे ओ सांवरे,

तिरछी तोरी नजर,

घायल कर गई है,

मेरा फूलों सा जिगर,

मुरली की तेरी तान ने,

पागल बना दिया,

दर पे तुम्हारे साँवरे,

सर को झुका दिया ॥


तुम देखो या ना देखो,

मेरे नसीब को,

पर रहने दो मुझको सदा,

अपने करीब तो,

है बार बार मैंने,

तुमको भुला लिया,

दर पे तुम्हारे साँवरे,

सर को झुका दिया ॥


मैं क्या बताऊं तुमको,

क्या खा रहा है गम,

बेकार हो ना जाए कहीं,

मेरा यह जनम,

मुझ पे हंसेगी जिंदगी,

यूँ यूँ ही गवां दिया,

दर पे तुम्हारे साँवरे,

सर को झुका दिया ॥


दिल में लग रही है,

विरह की आग यह,

एक दिन बुझेगी तुमको,

पाने के बाद यह,

होगी सफल ये साधना,

जब तुमको पा लिया,

दर पे तुम्हारे साँवरे,

सर को झुका दिया ॥


दर पे तुम्हारे सांवरे,

सर को झुका दिया,

मैंने तुम्हारी याद में,

खुद को मिटा दिया,

दर पे तुम्हारे साँवरे,

सर को झुका दिया ॥

आरती भगवान श्री रघुवरजी की (Aarti Bhagwan Shri Raghuvar Ji Ki)

आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे(Nandrani Kanhaiya Jabar Bhayo Re)

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥

तेरी प्रीत में मोहन मन बावरा है(Teri Preet Me Mohanan Man Bawra Hai)

तेरी प्रीत में मोहन,
मन बावरा है,

जो भजे हरि को सदा (Jo Bhaje Hari Ko Sada)

जो भजे हरि को सदा,
जो भजे हरि को सदा,

यह भी जाने