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डमक डम डमरू रे बाजे (Damak Dam Damroo Re Baje)

डमक डम डमरू रे बाजे,

चन्द्रमा मस्तक पर साजे,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

गले में पड़ी सर्प की माला,

हाथ त्रिशूल कान में बाला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


बनकर के नटराज सदाशिव,

अद्भुत कला दिखाए,

डम डम डमरू बजे हाथ में,

ताल से ताल मिलाए,

छान के भांग का गोला,

जटा बिखरा के भोला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


देख के रूप अनोखा शिव का,

गौरा मन हर्षाए,

नभ मंडल से देवी देवता,

शिव पे फूल बरसाए,

है कैलाश पे अजब नज़ारे,

बाजे ढोलक झांझ नगाड़े,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


जैसे जैसे चरण थिरकते,

मन होता मतवाला,

नित गाता है महिमा ‘लख्खा’,

भोले देव निराला,

मगन मन भक्तो का टोला,

झूम के ‘गिरी’ है ये बोला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


डमक डम डमरू रे बाजे,

चन्द्रमा मस्तक पर साजे,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

गले में पड़ी सर्प की माला,

हाथ त्रिशूल कान में बाला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥

आरती श्री कुंज बिहारी जी की (Aarti Shri Kunj Bihari Ji Ki)

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

100 साल बाद सूर्यग्रहण और शनि का अशुभ संयोग

29 मार्च 2025 का दिन खगोलीय दृष्टि से बेहद खास और दुर्लभ रहने वाला है। लगभग 100 वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब सूर्यग्रहण और शनि गोचर एक ही दिन हो रहे हैं।

राधिके ले चल परली पार(Radhike Le Chal Parli Paar)

गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन (Aisi Lagi Lagan, Meera Ho Gai Magan)

ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन,

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