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चोला माटी के हे राम (Chola Maati Ke Hai Ram)

चोला माटी के हे राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे,

चोला माटी के हे हो,

हाय चोला माटी के हें राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


द्रोणा जइसे गुरू चले गे,

करन जइसे दानी संगी,

करन जइसे दानी,

बाली जइसे बीर चले गे,

रावन कस अभिमानी,

चोला माटी के रे,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


कोनो रिहिस ना कोनो रहय भई,

आही सब के पारी,

एक दिन आही सब के पारी,

काल कोनो ल छोंड़े नहीं संगी,

राजा रंक भिखारी,

चोला माटी के रे,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


भव से पार लगे बर हे ते,

हरि के नाम सुमर ले संगी,

हरि के नाम सुमर ले,

ए दुनिया मा आके रे पगला,

जीवन मुक्ती कर ले,

चोला माटी के रे,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


चोला माटी के हे राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे,

चोला माटी के हे हो,

हाय चोला माटी के हें राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥

छोटी सी मेरी पार्वती (Chhoti Si Meri Parvati)

छोटी सी मेरी पार्वती,
शंकर की पूजा करती थी,

माँ शारदे! हम तो हैं बालक तेरे(Maa Sharde Ham To Balak Hain Tere)

माँ शारदे, माँ शारदे,
माँ शारदे, माँ शारदे,

मैं तो बन के दुल्हन आज सजी: भजन (Main To Banke Dulhan Aaj Saji)

श्यामा आन बसो वृंदावन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,

अन्वधान और इष्टी क्या है

भारत के त्योहार और अनुष्ठान वैदिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं। इसमें से अन्वधान और इष्टि का विशेष महत्व है। ये अनुष्ठान कृषि चक्रों और आध्यात्मिक कायाकल्प के साथ जुड़े होते हैं।