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छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,

बहंगी लचकत जाय

बहंगी लचकत जाय

होई ना बलम जी कहरिया,

बहंगी घाटे पहुंचाय


कांच ही बांस के बहंगिया,

बहंगी लचकत जाय

बहंगी लचकत जाय


बाट जे पूछेला बटोहिया,

बहंगी केकरा के जाय

बहंगी केकरा के जाय

तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,

बहंगी छठ मैया के जाय

बहंगी छठ मैया के जाय

ओहरे जे बारी छठि मैया,

बहंगी उनका के जाय

बहंगी उनका के जाय


कांच ही बांस के बहंगिया,

बहंगी लचकत जाय

बहंगी लचकत जाय

होई ना देवर जी कहरिया,

बहंगी घाटे पहुंचाय

बहंगी घाटे पहुंचाय

ऊंहवे जे बारि छठि मैया

बहंगी के उनके के जाय

बहंगी उनका के जाय


बाट जे पूछेला बटोहिया

बहंगी केकरा के जाय

बहंगी केकरा के जाय

तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया

बहंगी छठ मैया के जाय

बहंगी छठ मैया के जाय

ऊंहवे जे बारी छठि मैया

बहंगी उनका के जाय

बहंगी उनका के जाय

करवा और उसके सात भाइयों की कथा

करवा चौथ के एक अन्य कथा के अनुसार एक समय में किसी नगर में एक साहूकार अपनी पत्नी 7 पुत्रों, 7 पुत्रवधुओं तथा एक पुत्री के साथ निवास करता था।

श्री गणेश चालीसा

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विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है (Aaj Somwar Hai Ye Shiv Ka Darbar Hai)

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,

तेरे द्वार खड़ा भगवान, भक्त भर (Tere Dwaar Khada Bhagawan Bhagat Bhar De Re Jholi)

तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली ।