नवीनतम लेख

चला फुलारी फूलों को (Chala Phulari Phulon Ko)

उत्तराखंड के कुमाऊं एवं गढ़वाल में फुलारी बच्चों द्वारा घर की खुशहाली तथा सुख सम्रद्धि के लिए गाया जाने वाला गीत।


चला फुलारी फूलों को

सौदा-सौदा फूल बिरौला


हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फ्योंली लयड़ी

मैं घौर छोड्यावा

हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालू बसंत

मैं घौर छोड्यावा

हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि


चला फुलारी फूलों को

सौदा-सौदा फूल बिरौला

भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां

म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ


ना उनु धरम्यालु आगास

ना उनि मयालू यखै धरती

अजाण औंखा छिन पैंडा

मनखी अणमील चौतर्फी

छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा

मैं घौर छोड्यावा

हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि


फुल फुलदेई दाल चौंल दे

घोघा देवा फ्योंल्या फूल

घोघा फूलदेई की डोली सजली

गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल


अयूं होलू फुलार हमारा सैंत्यां आर चोलों मा

होला चैती पसरू मांगणा औजी खोला खोलो मा

ढक्यां द्वार मोर देखिकी फुलारी खौल्यां होला

षटतिला एकादशी मंत्र

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के कहते हैं।

प्रेतराज चालीसा (Pretraj Chalisa)

॥ गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया(Jinka Maiya Ji Ke Charno Se Sabandh Hogaya)

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया
उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥

पूर्णिमा व्रत विधि क्या है

पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?