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भोले नाथ का मैं बनजारा (Bholenath Ka Main Banjara)

भोले नाथ का मैं बनजारा,

छोड़ दिया मैंने जग सारा,

पता बता दो नील कंठ का,

पता बता दो नील कंठ का,

मैं जाऊ शिव धाम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हु सवाली,


भटक रहा हूँ जंगल जंगल,

छोड़ दिया है मैंने अनजल,

जब तक भोले नहीं मिलेगे,

करू नहीं आराम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हूँ सवाली,


शिव सेवक हूँ मैं मतवाला,

बाबा मेरा देव निराला,

ढुंडत ढुंडत शिवशंकर को,

ढुंडत ढुंडत शिवशंकर को,

सुबह से हो गई शाम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हूँ सवाली,


यो भी मिला है मुझे हाथ से,

काम करूँगा दोनों हाथ से,

पैरो की उपकार में उसका,

पैरो की उपकार में उसका,

मानूँगा आठो याम ,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हूँ सवाली,


भोले नाथ का मैं बनजारा,

छोड़ दिया मैंने जग सारा,

पता बता दो नील कंठ का,

पता बता दो नील कंठ का,

मैं जाऊ शिव धाम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हु सवाली,

बुध त्रयोदशी व्रत कथा

एक समय की बात हे नैमिषारण्य तीर्थ में अनेकों ऋषियों ने सूत जी महाराज से पूछा, हे भगवन! हमें प्रदोष व्रतों में उत्तम बुध प्रदोष के विषय में बताइये। तब सूत जी महाराज ने कहा।

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के उपाय

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी विघ्न समाप्त होते हैं और जीवन में शुभता आती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

अंजनीसुत केसरी नंदन ने (Anjani Sut Kesari Nandan Ne)

अंजनीसुत केसरी नंदन ने,
श्री राम के कारज सारे है,

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