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भोले के नाम का प्याला पिएंगे: शिव भजन (Bhole Ke Naam Ka Pyala Piyege)

भोले के नाम का प्याला पिएंगे,

भोले के नाम का जप हम करेंगे,

मस्ती में झूमेंगे नाचे गाएंगे,

जब भी भोले मेरे डमरू बजायेंगे ॥


ओ दीवाने ओ मस्ताने,

भोले की ताक़त को तू ना जाने,

जो भी बने भोले के दीवाने,

दुनिया उसे साधु संतो में जाने,

भोले भोले मेरे भोले भोले मेरे,

भोले भोले मेरे भोले भोले ॥


माथे अर्ध चन्द्रमा साजे,

जिसके गले में नाग बिराजे,

भूत प्रेत हो या कोई भी शक्ति,

कुछ भी नहीं है मेरे भोले के आगे,

भोले भोले मेरे भोले भोले मेरे,

भोले भोले मेरे भोले भोले ॥


जो धरती अम्बर को हिला दे,

जिसका जूनून समंदर उछाले,

जिसका त्रिशूल है इतना भयंकर,

अच्छे अच्छो के इसने प्राण निकाले,

भोले भोले मेरे भोले भोले मेरे,

भोले भोले मेरे भोले भोले ॥

धरती गगन में होती है (Dharti Gagan Mein Hoti Hai)

धरती गगन में होती है,
तेरी जय जयकार ॥

दिसंबर माह के प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान शिव की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है।

सूर्यदेव को रथ सप्तमी पर क्या चढ़ाएं

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मंगल की सेवा सुन मेरी देवाMangal Ki Sewa Sun Meri Deva)

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।

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