नवीनतम लेख

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं (Bhole Baba Tere Darbar Mein Jo Aate Hai)

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते है ॥


दोहा 

 तेरा ही नाम सुनकर बाबा,

आया हूँ दूर से,

झोली मेरी को भर दो बाबा,

अपने ही नूर से ॥


जहाँ जिक्र भोलेनाथ होता है,

मेरा बाबा उनके करीब होता है,

तेरी चौखट से मांगने वाला,

कौन कहता है गरीब होता है ॥


भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥


हम तो चले आए है,

दिल में बड़े अरमान लिए,

छोड़ेंगे दर ना तेरा,

दिल में अपने ठान लिए,

तेरे दरबार में,,,

तेरे दरबार में जो आके सर झुकाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥


तेरे चरणों में बाबा,

थोड़ी जगह मिल जाए,

मेरे पतझड़ सी जिंदगी में,

फूल खिल जाए,

तेरी महिमा का गीत,,,

तेरी महिमा का गीत भक्त सारे गाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥


तू ही निर्बल का बल,

और बेबस का साथ है तू,

सारी दुनिया के,

नाथों का नाथ है तू,

तेरे चरणों की धूल,,,

तेरे चरणों की धूल जो भी सर लगाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥


भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है,

झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥

नरसिंह द्वादशी क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा की परंपरा है।

अगहन को मार्गशीर्ष क्यों कहते हैं

मार्गशीर्ष मास धर्म, भक्ति और ज्योतिषीय महत्व से परिपूर्ण एक विशिष्ट मास माना जाता है। यह मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ भी माना जाता है।

माघ गुप्त नवरात्रि धन प्राप्ति उपाय

माघ गुप्‍त नवरात्र‍ि की शुरुआत 30 जनवरी 2025 से हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल 2 बार गुप्त नवरात्र का त्योहार मनाया जाता है।

मेरे भोले की सवारी आज आयी (Mere Bhole Ki Sawari Aaj ayi)

मेरे भोले की सवारी आज आयी,
मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

यह भी जाने