नवीनतम लेख

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए (Bheja Hai Bulava Tune Shera Waliye)

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

ओ मैया तेरे दरबार,

में हाँ तेरे दीदार, कि मैं आऊंगा

कभी न फिर जाऊँगा


भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

ओ मैया तेरे दरबार,


शेरावालिये नी, माता ज्योता वालिए

नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए


भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

ओ मैया तेरे दरबार,


तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी,

जाएं कहाँ यह दर छोड़ के, हाँ छोड़के ।

तेरे ही संग बँधी भक्तों ने डोरी,

सारे जहाँ से नाता तोड़ के, हाँ तोड़के ॥


शेरावालिये नी माता ज्योता वालिए

भवना वालिए नी माता लाटा वालिए


भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

ओ मैया तेरे दरबार,


फूलों में तेरी ही खुशबु है मैया,

चंदा में तेरी ही चांदनी, हाँ चांदनी ।

तेरे ही नूर से है नैनो की ज्योतियाँ,

सूरज में तेरी ही रौशनी, हाँ रौशनी ॥


शेरावालिये नी, माता ज्योता वालिए

नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए


भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

ओ मैया तेरे दरबार,


भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

ओ मैया तेरे दरबार,

में हाँ तेरे दीदार, कि मैं आऊंगा

कभी न फिर जाऊँगा


भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

ओ मैया तेरे दरबार,


शेरावालिये नी, माता ज्योता वालिए

नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए

ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है (O Sherawali Maa Kya Khel Rachaya Hai)

ओ शेरावाली माँ,
क्या खेल रचाया है,

ही आशा लेकर आती हूँ ( Yahi Aasha Lekar Aati Hu)

यही आशा लेकर आती हूँ,
हर बार तुम्हारे मंदिर में,

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

यह भी जाने