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भारत के लिए भगवन का एक वरदान है गंगा (Bharat Ke Liye Bhagwan Ka Ek Vardan Hai Maa Ganga)

भारत के लिए भगवन का

एक वरदान है गंगा

सच पूछो तो इस देश की

पहचान है गंगा


हर हर गंगे, हर हर गंगे !

हर हर गंगे, हर हर गंगे !


गिरिराज हिमालय की बेटी

ये महान है गंगा

भारत माता के मस्तक का

अभिमान है गंगा


इस धरती के बेटो पर

एक अहसान है गंगा

लाखो करोडो होठो की

मुस्कान है गंगा


गंगा ही हिंदुस्तान

हिंदुस्तान है गंगा

सच पूछो तो इस देश की

पहचान है गंगा


हर हर गंगे, हर हर गंगे !

हर हर गंगे, हर हर गंगे !


है कोटि कोटि देवो के मदिर

इसके किनारे

मंगल ध्वनिया होती है

जहा पर सांझ सतरे


जुग जुग से इस माता ने

हमारे भाग्य सवेरे

ये जहा गयी बन गए

वह पर तीरथ प्यारे


इस अपनी प्यारी जन्म भूमि

की जान है गंगा

सच पूछो तो इस देश की

पहचान है गंगा


हर हर गंगे, हर हर गंगे !

हर हर गंगे, हर हर गंगे !


भारत के लिए भगवन का

एक वरदान है गंगा

सच पूछो तो इस देश की

पहचान है गंगा


हर हर गंगे, हर हर गंगे !

हर हर गंगे, हर हर गंगे !

माई सबके बाल गोपाल, सदा खुशहाल रहे (Mai Sabke Bal Gopal Sada Khushal Rahe)

माई सबके बाल गोपाल,
सदा खुशहाल रहे,

तेरी करती रहूँ मैं चाकरी, वरदान यही मैं चाहूँ(Teri Karti Rahu Main Chakri Vardan Yahi Main Chahu)

तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,

बुधवार व्रत की प्रामाणिक-पौराणिक कथा (Budhvaar Vrat Ki Praamaanik-Pauraanik Katha)

समतापुर नगर में मधुसूदन नामक एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत धनवान था। मधुसूदन का विवाह बलरामपुर नगर की सुंदर लड़की संगीता से हुआ था।

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि , Mahishasuramardini Stotram - Aayi Girinandini

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।

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