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उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,

अब रैन कहाँ जो सोवत है ।

जो सोवत है सो खोवत है,

जो जागत है सोई पावत है ॥


उठ नींद से अखियाँ खोल जरा,

और अपने प्रभु में ध्यान लगा ।

यह प्रीत करन की रीत नहीं,

प्रभु जागत है तू सोवत है ॥


उठ जाग मुसाफिर भोर भई,

अब रैन कहाँ जो सोवत है ।

जो सोवत है सो खोवत है,

जो जगत है सोई पावत है ॥


जो कल करना सो आज कर ले,

जो आज करे सो अब कर ले ।

जब चिड़िया ने चुग खेत लिया,

फिर पछताए क्या होवत है ॥


उठ जाग मुसाफिर भोर भई,

अब रैन कहाँ जो सोवत है ।

जो सोवत है सो खोवत है,

जो जगत है सोई पावत है ॥


नादान भुगत अपनी करनी,

ऐ पापी पाप में चैन कहाँ ।

जब पाप की गठड़ी शीश धरी,

अब शीश पकड़ क्यूँ रोवत है ॥


उठ जाग मुसाफिर भोर भई,

अब रैन कहाँ जो सोवत है ।

जो सोवत है सो खोवत है,

जो जगत है सोई पावत है ॥

बलराम जी की पूजा कैसे करें?

बलराम जी, भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई और शेषनाग के अवतार माने जाते हैं। उन्हें हलधर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे हमेशा हाथ में हल धारण करते थे। बलराम जी शक्ति, बल और कृषि के देवता के रूप में पूजे जाते हैं।

भूतनाथ अष्टकम्

शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम्
नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम्

चल काँवरिया, चल काँवरिया (Chal Kawariya, Chal Kawariya)

जय हो बैजनाथ
जय हो भोले भंडारी

शुक्र प्रदोष व्रत पर राशिवार क्या दान करें?

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। 2024 में शुक्रवार, 13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ अवसर है।

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