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माँ शारदे वंदना, हे शारदे माँ (Bhajan Maa Sharade Vandana)

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे,

हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे,

हम हैं अकेले, हम हैं अधूरे,

तेरी शरण मे, हमें प्यार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


मुनियों ने समझी, गुणियों ने जानी,

वेदों की भाषा, पुराणों की बानी,

हम भी तो समझें, हम भी तो जानें,

विद्या का हमको, अधिकार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


तु श्वेतवर्णी, कमल पे बिराजे,

हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे,

मन से हमारे, मिटा दे अंधेरे,

हमको उजालों का, संसार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

यही रात अंतिम यही रात भारी: भजन (Yehi Raat Antim Yehi Raat Bhaari)

यही रात अंतिम यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी,

जय भोले शंकर जय गंगाधारी (Jai Bhole Shankar Jai Gangadhari)

जय भोले शंकर जय गंगाधारी,
देवो के देवा हे महादेवा,

नवंबर में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं - माँ संतोषी (Karti Hu Tumhara Vrat Main)

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं,
स्वीकार करो माँ,

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