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भगवा रंग चढ़ा है ऐसा, और रंग ना भाएगा (Bhagwa Rang Chadha Hai Aisa Aur Rang Na Bhayega)

भगवा रंग चढ़ा है ऐसा,

और रंग ना भाएगा,

जय श्री राम के नाम का नारा,

घर घर से अब आएगा,

अयोध्या की नगरी में अब,

केसरिया लहराएगा,

केसरिया केसरिया म्हारो,

केसरिया केसरिया ॥


मात्र भूमि के कण कण पर अब,

राम नाम लिखा जाएगा,

भारत माता हर्ष रही है,

श्री राम घर आएगा,

अयोध्या की नगरी में अब,

केसरिया लहराएगा,

केसरिया केसरिया म्हारो,

केसरिया केसरिया ॥


हनुमत को रंग ऐसा चढ़ा है,

राम नाम गुण गाएगा श्री,

राम की जन्मभूमि पर,

स्वर्ण मंदिर बन जाएगा,

अयोध्या की नगरी में अब,

केसरिया लहराएगा,

केसरिया केसरिया म्हारो,

केसरिया केसरिया ॥


दासमोहन श्री राम की,

माला जपते ही आएगा,

विजय राव ओर सुनीता को,

भगवा रंग चढ़ जाएगा,

अयोध्या की नगरी में अब,

केसरिया लहराएगा,

केसरिया केसरिया म्हारो,

केसरिया केसरिया ॥


भगवा रंग चढ़ा है ऐसा,

और रंग ना भाएगा,

जय श्री राम के नाम का नारा,

घर घर से अब आएगा,

अयोध्या की नगरी में अब,

केसरिया लहराएगा,

केसरिया केसरिया म्हारो,

केसरिया केसरिया ॥


हरि तुम हरो जन की भीर(Hari Tum Haro Jan Ki Bhir)

हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥

कनकधारा स्तोत्रम् (Kanakdhara Stotram)

अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥

श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

हे विनय विनायक विनती करा(Hey Vinay Vinayak Vinati Kara)

हे विनय विनायक विनती करा
म्हारे आंगन आप पधारो जी,

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