नवीनतम लेख

भादी मावस है आई(Bhadi Mawas Hain Aai)

भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥


चम चम चमकातो मुखडो,

काना में कुंडल हो,

काना में कुंडल हो,

हिवड़ो हरसायो म्हारो,

भला पधारया हो,

भला पधारया हो,

बिंदिया चमके माथा में,

चुड़लो खनके हाथां में,

अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


गंगा जल झारी थारा,

चरण पखारा हो,

चरण पखारा हो,

उँचे सिंहासन बैठी,

आरती उतारा हो,

आरती उतारा हो,

मेहंदी लगावा थारे,

चुनड़ी ओढावा थाने,

फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


जो थाने भावे मैया,

भोग लगावा हो,

भोग लगावा हो,

रूच रूच जिमो दादी जी,

परदो लगावा हो,

परदो लगावा हो,

भजन सुनावा थाने,

गाकर रिझावा थाने,

कीर्तन में देखण थाने आंगणे,

ओ दादी कीर्तन में देखण थाने आंगणे ॥


भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥


छठ पूजा: पटना के घाट पर (Patna Ke Ghat Par Chhath)

पटना के घाट पर,
हमहु अरगिया देब,

केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके

सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन (Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahare Gote Mein)

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

यह भी जाने