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भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए(Bhabhuti Ramaye Baba Bholenath Aaye)

भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए,

भोले नाथ आए बाबा डमरू बजाए,

भोले नाथ आए बाबा अलख जगाए ।


सखी एक बोली मैया बाहर पधारो ,

आयो एक बाबो दिखे बड़ो मतवारो,

भिक्षा देयीके कहदो आसन पधारो ।

॥ भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए..॥


भरी थार कंचन को मैया सिधारी,

नमन करीके मैया वचन उचारी,

आशीष दीजै बाबा सुखी भये मुरारी ।

॥ भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए..॥


बोले भोले बाबा मैया आशीष लीजै,

किन्तु एक हेतु मैया सिद्ध करीजै,

लायी के लाल मैया हाथ धरीजै ।

॥ भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए...॥


भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए,

भोले नाथ आए बाबा डमरू बजाए,

भोले नाथ आए बाबा अलख जगाए ।

चल काँवरिया, चल काँवरिया (Chal Kawariya, Chal Kawariya)

जय हो बैजनाथ
जय हो भोले भंडारी

मेरे राम इतनी किरपा करना, बीते जीवन तेरे चरणों में(Mere Ram Itni Kripa Karna Beete Jeevan Tere Charno Me)

मेरे राम इतनी किरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥

उत्पन्ना एकादशी के उपाय

उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

आरंभ कीजिए, प्रारंभ कीजिए (Aarambh Kijiye, Prarambh Kijiye)

आरंभ कीजिए, प्रारंभ कीजिए,
त्रैलोक्य पूज्य है राम नाम, शुभारंभ कीजिए,

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