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बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


भक्त खड़े था की बाट निहारे,

भक्त खड़े था की बाट निहारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

देर ना लगाओ जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


विघन विनायक रूप तिहारो,

विघन विनायक रूप तिहारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

हमको तारो ना,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


‘अवि’ की नैया पार लगाओ,

भक्तों की नैया पार लगाओ,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

सुर को सम्भालो ना,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


बेगा सा पधारो जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये (Tune Mujhe Bulaaya Shera Vaaliye)

साँची ज्योतो वाली माता,
तेरी जय जय कार ।

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वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी,
अपनी दया बरसा देना,

परदे में बैठे, यूँ ना मुस्कुराइये (Parde Me Bethe Bethe Yun Na Muskuraiye)

परदे में बैठे-बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,

मासिक शिवरात्रि शिव तांडव स्तोत्र

वैदिक ज्योतिष में मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष अवसर माना गया है। इस दिन भक्त अपने-अपने तरीके से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं और शिवजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं।

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