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बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा (Bansi Wale Ke Charno Me, Sar Ho Mera)

बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,

फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।

उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,

फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥


यह ना चाहूँ की, मुझ को खुदाई मिले,

यह ना चाहु, मुझे बादशाही मिले ।

ख़ाक दर की मिले ये मुकद्दर मेरा,

इससे बढ़कर बताओ क्या सौगात है ॥


बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,

फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।

उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,

फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥


हो गुलामी अगर आले दरबार की,

ये खुदाई भी है बादशाही भी है ।

दासी दर की भिखारिन बने जिस वक्त,

इससे बढकर बताओ की क्या बात है ॥


बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,

फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।

उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,

फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥


गोविन्द मेरो है गोपाल मेरो है ।

श्री बांके बिहारी नंदलाल मेरो है ॥


बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,

फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।

उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,

फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया (Odhoji Odho Dadi Mhari Bhi Chunariya)

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,

अनंत पूजा और विश्वकर्मा पूजा का विशेष संगम

17 सितंबर को एक खास दिन है, जब अनंत चतुर्दशी व्रत, अनंत पूजा और बाबा विश्वकर्मा पूजा एक साथ मनाए जाएंगे। यह दिन भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा की विशेष आराधना का अवसर है। इन दोनों पूजा विधियों के धार्मिक महत्व और अनुष्ठानों पर आइए विस्तार से नजर डालते हैं

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी(Ik Din Vo Bhole Bhandari Banke Braj Ki Nari)

इक दिन वो भोले भंडारी
बन करके ब्रज की नारी,

यशोमती मैया से बोले नंदलाला (Yashomati Maiyya Se Bole Nandlala)

यशोमती मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥

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